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बदायूँ/सहसवान:- 6 माह बाद एक वीडियो ने पुलिस की कारगुजारी खोली पोल, वीडियो वायरल हुआ तो इंस्पेक्टर को किया लाइन हाजिर,जांच हुई तो सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों पर भी आ सकती हैं आंच।

(उत्तर प्रदेश)बदायूं /सहसवान:- पुलिस की कारगुजारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो तत्कालीन कोतवाल सौरभ सिंह के समय का बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी एक गौतस्कर से पूछताछ करता नजर आ रहा है। वायरल वीडियो को देखकर लग रहा है कि घटना ठंड के समय की है। पुलिस गिरफ्त में युवक अपना नाम आशू पुत्र फिरासत अली निवासी काशीराम कालोनी बताता नजर आ रहा है। साथ ही अपने दो साथियों के नाम भी बता रहा है। इतना ही नहीं वायरल वीडियो के मुताबिक आरोपी अपना जुर्म का इकबाल करता नजर आ रहा है वीडियो में युवक पहली बार घटना करने की बात कह रहा है। लेकिन पुलिस ने अपनी कारगुजारी करते हुए पकड़े गए युवक का चालान गौकशी में न करते हुए डोडा छिलका में कर दिया। लेकिन घटना का वीडियो अब करीब छह माह बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है। फिलहाल पुलिस की फजीहत के बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर सौरभ सिंह को एसएसपी द्वारा लाइन हाजिर किया जा चुका है और पूरे मामले की जांच एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव कर रहे हैं।

मौके पर पकड़े गए आरोपी युवक का वायरल वीडियो।

27 फरवरी का वीडियो 6 माह बाद हुआ उजागर।

दरअसल सहसवान कोतवाली क्षेत्र के जंगल में तीन लोग मिलकर गौकशी की घटना को अंजाम दे रहे थे। सूचना पर पहुँची पुलिस को देखकर रात्रि का फायदा उठाकर दो आरोपी भागने में सफल हो गए। लेकिन एक आरोपी आशू खान को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपने फरार साथियों के नाम भी बताये। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने आर्थिक सांठगांठ कर गौकशी के आरोपी आशू खान को गौकशी में जेल न भेजकर एनडीपीएस में जेल भेज दिया और बाकी दोनों आरोपियों से सांठगांठ कर अभयदान दे दिया। लेकिन 6 माह पुराना वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो चर्चा का विषय बन गया और खाकी के इस खेल की चर्चा हर ओर होने लगी। फिलहाल मामले की जांच एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव कर रहे हैं और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सहसवान को लाइन हाजिर कर दिया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि पूरी घटना में संलिप्त अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है साथ ही इंस्पेक्टर को सिर्फ लाइन हाजिर ही क्यों किया गया।

इंस्पेक्टर का एक खास सिपाही जो करता था लेन-देन का काम।

सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन इंस्पेक्टर सौरभ सिंह का एक ऐसा खास सिपाही था जो लेन-देन का काम वही देखता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंस्पेक्टर सौरभ सिंह की तैनाती सहसवान से पहले उसैहत और दातागंज रही है इस दौरान सौरभ सिंह को कई नये थाने का चार्ज मिलने के बाद भी हैड कांस्टेबल बालकराम का स्थानांतरण भी उसी थाने में होता रहा है और परछाईं की तरह इंस्पेक्टर के साथ रहा है। सौरभ सिंह उसैहत थाने के प्रभारी रहे हों चाहे दातागंज और फिर सहसवान हैड कांस्टेबल बालकराम भी साथ साथ रहे हैं। इतना ही नहीं अब जब इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया तो इंस्पेक्टर के खासमखास सिपाही बालकराम को भी हटाकर न्यायालय सुरक्षा भेजा गया है। बताते हैं कि इंस्पेक्टर सौरभ सिंह का अपना राजनीतिक रसूख ठीक ठाक है जिसके दम पर मनमानी करने में कामयाब रहे है।

वायरल वीडियो की जांच हुई तो सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों पर भी आ सकती हैं आंच।

वायरल वीडियो की अगर निष्पक्ष तरीके से जांच हुई तो इसमें सीओ , सब इंस्पेक्टर व कई कांस्टेबलों पर आंच आ सकती है। क्योंकि गौकशी के आरोपी युवक को पुलिस डोडा छिलका में जेल भेजा तो उक्त मुकदमें में फर्द बनाने वाले सब इंस्पेक्टर व कई पुलिसकर्मियों के हस्ताक्षर हैं। जिसमें सीओ की मौजूदगी में आरोपी की तलाशी का भी जिक्र किया गया है।जिसमें तलाशी के दौरान पकड़े गए युवक से चार किलो 500 ग्राम डोडा छिलका बरामद दिखाया गया है। लेकिन वायरल वीडियो में आरोपी साफ तौर पर गौकशी की घटना को कबूल करता देखा जा रहा है और अपने दो अन्य साथियों के नाम भी बता रहा है। सूत्रो के मुताबिक पुलिस ने अन्य दो आरोपियों को भी सांठगांठ करके क्लीनचिट दे दी। फिलहाल देखना है कि पुलिस की इस कारगुजारी की जांच कब तक पूरी होगी। क्योंकि पुलिस की इस कारगुजारी का वीडियो सामने आने के बाद लोगों का पुलिस से भरोसा उठता नजर आ रहा है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठते नजर आ रहे हैं।

अपने ही बुने जाल में फंसती नजर आ रही पुलिस।

जानकारी के मुताबिक 27 फरवरी 2024 को सहसवान पुलिस ने जब गौकशी के आरोपी आशू पुत्र फिरासत को डोडा छिलका में जेल भेजा तब पुलिस ने भी नहीं सोचा होगा कि उनकी यह कारगुजारी एक दिन उन्हीं के गले की फांस बन जायेगी। लेकिन अब पुलिस की यह कारगुजारी का वीडियो जब सामने आया तो सीओ इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।

पुलिस की कारगुजारी के खुलासे के पीछे बताया जा रहा एक पुलिसकर्मी का हाथ।

सूत्रों के मुताबिक जिस मामले में सहसवान के तत्कालीन इंस्पेक्टर सौरभ सिंह लाइन हाजिर हुए हैं और सीओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है इसके पीछे सहसवान कोतवाली में ही तैनात रहे एक पुलिसकर्मी की भूमिका नजर आ रही है। दरअसल जानकारी के मुताबिक एक पुलिसकर्मी तत्कालीन इंस्पेक्टर सौरभ सिंह की कार्यशैली से क्षुब्द होकर बीआरएस ले चुका है और अब उसने तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उसने मुख्यमंत्री से लेकर तमाम उच्च अधिकारियों से तत्कालीन इंस्पेक्टर के काले कारनामों की शिकायत की है।

ब्यूरो रिपोर्ट- राष्ट्रीय न्यूज़ टुडे।

(हर खबर सत्यता की तह तक)

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