उत्तर प्रदेश, बदायूं। एक बेबस माँ की आँखों से बहता हुआ आंसूओं का दरिया और उसकी गोद में बच्ची का शव डॉक्टरों की लापरवाही से मासूम की जान चली जाने और अपने ऊपर बीती दास्तां सुनाता एक बेबस पिता। बेसुध माँ और बेबस पिता के आंसूओं का दरिया जो भी इस वीडियो को देख ले उसकी भी आंखे नम हो जायें और दास्तां सुन ले तो कानों में से बेबस माँ-बाप की चीत्कार की आवाज़ से खून निकलने लगे। डॉक्टरों की लापरवाही से सही समय पर इलाज न मिलने पर माँ की गोद में मासूम का दम तोड़ना देखकर हर किसी का खून खौल उठना लाज़िमी है। डॉक्टर को धरती के भगवान का दर्जा दिया गया है जो किसी को भी काल के गाल से वापस ला सकता है। मरते हुए इंसान को जिंदगी दे सकता है और खोई हुई उम्मीदों को फिर से जगा सकता है। इन्हीं खूबियों के कारण धरती पर डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। लेकिन जब वही डॉक्टर अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से नहीं करता है तो लोगों की जान चली जाती है। लेकिन अगर धरती के भगवान से चूक हो तो उसे भला कौन माफी दे सकता है।
दरअसल पूरा मामला बदायूं जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज का है जहाँ जगत ब्लॉक के थालिया नगला का रहने वाला नाज़िम अपनी सात साल की बीमार बच्ची सोफिया को इस आस के साथ राजकीय मेडीकल कॉलेज लेकर पंहुचा कि उसकी बच्ची को सही समय पर दवा मिला जाए जिससे उसको शिफा हो। मेडिकल कालेज में उसको जांच के नाम पर घंटो इधर से उधर दौड़ाया गया। समय बढ़ता गया और बच्ची की हालत बिगड़ती गई और एक बेबस पिता अस्पताल के चक्कर काटता रहा। धरती के भगवान कहे जाने वाले डाॅक्टरों ने इलाज के नाम पर उससे साफ कह दिया गया कि क्रिकेट मैच चल रहा है डॉक्टर मैच खेलने मे बिजी हैं। जब तक मैच ख़त्म नहीं हो जाता बच्ची का इलाज नहीं होगा। उधर डॉक्टर मैच खेलने में लगे रहे इधर मासूम की हालत बिगड़ने लगी और देखते ही देखते माँ की गोद में इलाज के अभाव में मासूम ने दम तोड़ दिया।
बेबस माँ बाप की चीत्कार सुनकर आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गयी। एक बेबस और बेसुध माँ-बाप को डॉक्टरों को कोसने के अलावा और बचा ही क्या था। जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पीड़ित पिता से तहरीर मांगी ।
मानवता को झकझोर देने वाली इस घटना के बाद बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने किया कटाक्ष।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने बदायूं की मृत बच्ची को लेकर संवेदना व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग व सरकार को लेकर जमकर कटाक्ष किया। कहा इस तरह की हृदय विदारक घटना को देखकर मन व्यथित हो जाता है सरकार में बैठे लोग जिनको यह व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए उनके पास व्यवस्था को दुरुस्त करने की न नियत है और न सोच। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बदायूं के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मेडिकल कॉलेज के रूप में यह तोहफा दिया था। कम से कम भाजपा सरकार में बैठे लोग इसे सुचारु रूप से संचालित कर लेते। आखिर बदायूं वालों का क्या गुनाह हैं जो इस तरह की उपेक्षा की जा रही है।
आपबीती सुनाता बेबस पिता।
डेस्क- आसिम अली।
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