उत्तर प्रदेश, चन्दौली/बबुरी। प्रोफेसर हवलदार सिंह जी का जन्म चंदौली जिले के बबुरी के समीप भवतपुरा गांव में 1 जुलाई 1940 को हुआ था।
प्रोफेसर साहब बचपन से ही पढ़ाई लिखाई के साथ ही साथ पहलवानी में अपने समय के सभी साथियों में अग्रणी रहे हैं।
प्रोफेसर साहब की प्रारंभिक शिक्षा – दीक्षा बबुरी में हुई इसके बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट चकिया से प्रथम डिविजन से पास किए। इसके बाद स्नातक और परास्नातक चकीया में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रोफेसर साहब के कलास मेट थे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से करने के बाद यह गाजीपुर पीजी कॉलेज में मिलिट्री साइंस से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 1973 में नियुक्त हुए और 30 जून 2000 को अपने जीवन के बहुमूल्य 27 वर्ष गुजारने के बाद सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्त के पश्चात अपने जीवन के 23 सालों को गांव के सभी युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे और गांव के अधिकांश बच्चे प्रोफेसर साहब के सानिध्य में सरकारी नौकरी में विभिन्न विभागों में अच्छे – अच्छे पदों पर आसीन हुए हैं।
प्रोफेसर साहब के छोटे भाई जिम्मेदार सिंह का कहना है कि गाजीपुर में रहते थे लेकिन उनका लगाव गांव से लगा रहता था भतीजे पूर्व प्रधान धर्मेंद्र सिंह जी का कहना है कि प्रोफेसर साहब गांव के अनेक युवाओं के मार्गदर्शक थे,आपके व्यवहार के चलते ही घर पर सुबह से लेकर शाम तक गांव के बच्चों, बूढ़ों का जमावड़ा लगा रहता था और सभी लोग प्रोफेसर साहब का बहुत सम्मान भी करते थे।
प्रोफेसर साहब के जाने के बाद हमारा गांव अब सुना हो गया है ,ऐसे प्रोफेसर साहब के करिवी कमला पति सिंह ने उनको याद कर के गमगीन हो गये पुण्यात्मा की कमी मुझे,परिवार और मेरे गांव को हमेशा खेलेगी। श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया गया जिम्मेदार सिंह कमला पति सिंह पूर्व प्रधान धर्मेन्द्र सिंह भतीजे भानूप्रताप सिंह उदय प्रताप सिंह संतोष सिंह चंद्रशेखर सिंह अजीत सिंह वकील सिंह राघवेन्द्र सिंह नरेंद्र सिंह पूर्व प्रधान रामअवध सिंह हृदय नारायण सिंह पूर्व प्रधान बब्लू सिंह टपू सिंह जीतनारायन सिंह विवेक सिंह शुभम सिंह राहुल सिंह आदि मौजूद।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया चन्दौली।