उत्तर प्रदेश, बदायूं/सहसवान। गाजियाबाद में अधिवक्ताओं के ऊपर हुए लाठीचार्ज के विरोध में बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा तथा अधिवक्तागण सभी कार्यों से विरत रहे।
मालूम रहे कि 29 अक्टूबर को गाजियाबाद में पुलिस ने निर्दोष अधिवक्ताओं पर लाठियां बरसाई थी। जिसमें काफी संख्या में अधिवक्ता घायल हुए थे। इस घटना के विरोध में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आवाहन पर अधिवक्तागण सभी कार्यों से विरत रहे। इस मौके पर एक सभा आयोजित की गई। जिसमें अधिवक्ता रागिब अली एडवोकेट ने कहा कि अधिवक्ताओं पर आए दिन झूठे मुकदमे लिखाए जा रहे हैं और उनकी हत्याएं हो रही है। अधिवक्ता समाज पूरी तरह से असुरक्षित है। गाजियाबाद में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर लाठियां बरसाई गई जो अन्याय और बर्बरता पूर्ण है। इसकी घोर निंदा होनी चाहिए।
अधिवक्ता अनेक पाल सिंह ने कहा कि गाजियाबाद में जनपद न्यायाधीश ने कोर्ट रूम में पुलिस से अधिवक्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज करवाना दुर्भाग्य पूर्ण है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। अधिवक्ता जितेंद्र सिंह यादव ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की बदलती मानसिकता से अधिवक्ताओं को काम करने में दिक्कत आ रही है। न्यायिक अधिकारी स्वयं कार्य नहीं करते हैं और दोष अधिवक्ताओं को देते हैं। पत्रावली में बहस सुन लेते हैं पर आदेश नहीं करते और दोष अधिवक्ता को देते हैं। न्यायिक अधिकारियों की ऐसी मानसिकता बन गई है कि वह अदालतों में बैठते ही नहीं है और कहते है कि वकील काम करना नहीं चाहते हैं। वकील न्यायालय में सभ्य भाषा में अपना काम करता है वह किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं करता है। जब न्यायिक अधिकारी सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की बात को नहीं सुनता है और पत्रावली को उठाकर रख देता है। तब अधिवक्ता को अपनी बात कहने का पूर्ण अधिकार है।
इसके बाद अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर से जुलूस निकाल कर प्रदर्शन करते हुए तहसील पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी प्रेमपाल सिंह को सौंपा। इस दौरान काफी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
डेस्क- राष्ट्रीय न्यूज़ टुडे।