उत्तर प्रदेश, चन्दौली/चहनियां-: ग्राम पंचायत जुड़ा हरधन क्षेत्र पंचायत चहनिया का एक महत्वपूर्ण गांव है जहां छः अप्रैल 1930 को नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की गई थी। जिसकी बुलंद आवाज पूरे देश में फैली थी। नमक सत्याग्रह आंदोलन की अगुवाई उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानंद पुरम मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश पंडित कमलापति त्रिपाठी पूर्व राज्यपाल प्रकाश तिवारी जैसे लोग किए थे तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष पंडित विश्वनाथ तिवारी के घर पर क्षेत्रीय लोगों की उपस्थिति में अंग्रेज सरकार के खिलाफ नमक बनाकर इस सत्याग्रह को पूरे देश में हवा दी गई। ऐसे महत्वपूर्ण गांव की गलियां आजादी के 77 वर्ष बाद भी जल निकासी के अभाव में गंदे पानी से भरी पड़ी है। जिसमें पर रखना दरबार हो गया है। गंदे नाले के कीड़े मकोड़े बहुत ज्यादा संख्या में पैदा होते हैं, घरों में घुसकर संक्रामक रोगों को जन्म दे रहे हैं लोगों का जीना हराम हो गया है। यहां तक की रसोई घरों में भोजन अनाज आदि में घुसकर लोगों का खाना पीना दुश्वार हो गया है। ग्रामीण भयंकर रोगों का शिकार हो रहे है। जुड़ा हरधन ग्रामवासी अपने भाग्य पर आंसू बहा रहे हैं। यहां आज तक की एक भी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है। चहनिया ब्लॉक का जुड़ा हरधन ग्राम गाँव तट के पूर्वी छोर पर स्थित है जो सकलडीहा तहसील मुख्यालय से 17 किलोमीटर व ब्लॉक मुख्यालय चहनिया से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव में कदम रखते हैं तो गुलाम भारत की याद ताजा हो जाती है। और मुंह पर कपड़ा बाधकर गंदे पानी में पैर रखकर ही जाना पड़ता है।उत्तर प्रदेश सरकार व भारत सरकार स्वच्छता अभियान को सर्वोपरि मानते हुए साफ सफाई पर लंबे रकम खर्च कर रहे हैं। आधा दर्जन सफाई कर्मी प्रति माह लाखों रुपए वेतन ले रहे हैं। परंतु गांव की गंदगी पर किसी की नजर नहीं है। सफाई कर्मियों का गांव में कभी दर्शन नहीं होता है। जबकि पूर्व में यह गांव अंबेडकर गांव हो रहा है। जिसके चलते गांव में आने वाली नालीयों का निर्माण कराया गया। परंतु साफ-सफाई सुरक्षा व रख रखरखाव के आभाव में सब ध्वस्त हो चुकी है। नालियों में कूड़ा कचरा व गंदा पानी इकट्ठा होने से पहाड़ी झील जैसी स्थिति बन चुकी है। ग्रामीणों द्वारा दर्जनों बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया परंतु किसी को फुर्सत नहीं जो इस तरफ ध्यान दे सके।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया चन्दौली।