उत्तर प्रदेश, चन्दौली/मुगलसराय-: मुगलसराय जंक्शन महाकुंभ 2025 हेतु श्रद्धालुओं के बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज आवागमन को सुनिश्चित करने में भारतीय रेल ने उल्लेखनीय सेवाएं दीं। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू मंडल द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।
विशेषकर बिहार, झारखंड सहित पूर्वी भारत के राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के प्रयागराज आवागमन में डीडीयू मंडल की अति महत्वपूर्ण भूमिका रही। महाकुंभ के दौरान आवागमन के लिए नियमित ट्रेनों और पूर्व घोषित स्पेशल ट्रेनों के अलावा विशेष अतिरिक्त ट्रेन रेक की व्यवस्था की गई थी। इन अतिरिक्त रेक से रियल टाइम में स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी करते हुए आवश्यकता अनुसार स्थानीय स्तर से त्वरित महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान डीडीयू जंक्शन को केंद्र में रखते हुए डीडीयू से प्रयागराज की ओर 806 तथा प्रयागराज से डीडीयू की ओर 781 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें। डीडीयू से वाराणसी की ओर 69 तथा वाराणसी से डीडीयू की ओर 70 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें। ग्रैंड कार्ड में डीडीयू से गया की ओर 425 तथा गया की ओर से 361 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें। मेन लाइन में डीडीयू से पटना की ओर 382 तथा पटना की ओर से 348 महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें परिचालित की गई। त्वरित रेल परिचालन के साथ स्टेशनों पर यात्रियों के बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज आवागमन को सुनिश्चित करने में भारतीय रेल ने उल्लेखनीय सेवाएं दीं। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के दौरान पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू मंडल द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।
सुविधाजनक एवं सुरक्षित आवागमन को लेकर विशेष व्यवस्थाएं की गई थी। विशेष कंट्रोल रूम सहित स्टेशनों पर मंडल रेल प्रबंधक राजेश गुप्ता के निर्देशन में रेल अधिकारियों द्वारा निरंतर निगरानी की गई। डीडीयू, गया, सासाराम, डेहरी ऑन सोन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया में विशेष होल्डिंग एरिया की व्यवस्था की गई। स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन एवं सुचारु आवागमन हेतु बड़ी संख्या में आरपीएफ व जिला प्रशासन के सुरक्षा कर्मियों के साथ यात्रियों की सुविधा एवं सहायता हेतु बड़ी संख्या में रेल कर्मियों की तैनाती की गई। ट्रेनों के नियमित परिचालन के साथ प्लेटफार्म पर यात्रियों के सुरक्षित बोर्डिंग डीबोर्डिंग का विशेष ध्यान रखा गया।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया, चन्दौली।