महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं बल्कि समाज के समग्र विकास का आधार है, दयाशंकर सिंह।
उत्तर प्रदेश, चंदौली/सकलडीहा-: सकलडीहा पीजी कॉलेज, सकलडीहा, चंदौली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. दयानिधि सिंह यादव ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. दयाशंकर सिंह यादव उपस्थित रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्राएं, शिक्षकगण एवं अतिथि विद्वान उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. दयाशंकर सिंह यादव ने कहा कि “महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं बल्कि समाज के समग्र विकास का आधार है। शिक्षा और आत्मनिर्भरता महिलाओं की प्रगति की कुंजी है, और हमें इसे सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे, डॉ. राजेश यादव ने कहा कि “महिलाओं की भागीदारी समाज के हर क्षेत्र में सुनिश्चित की जानी चाहिए। महिला अधिकारों की रक्षा केवल कानून से नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता से भी संभव है। डॉ. यज्ञनाथ पांडे ने कहा कि “इतिहास साक्षी है कि जब-जब महिलाओं को समान अधिकार मिले हैं, तब-तब समाज और देश ने प्रगति की है। हमें महिलाओं को समान अवसर देने होंगे। डॉ. श्यामलाल यादव ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “महिलाओं का सशक्तिकरण केवल शैक्षिक और आर्थिक पहलुओं तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह उनकी आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान से भी जुड़ा है। डॉ. सीता मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि “महिला सशक्तिकरण का अर्थ केवल कार्यक्षेत्र में उनकी उपस्थिति से नहीं, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा और सम्मान से भी है। डॉ. अजय यादव ने कहा कि “आज की नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समाज को जागरूक होकर महिलाओं को उनका उचित स्थान देना चाहिए। डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि “नारी शक्ति को केवल सम्मान देना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनके साथ समानता का व्यवहार करना भी आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और महिला सशक्तिकरण पर चर्चा की। उप प्राचार्य प्रो. दयानिधि सिंह यादव ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि “हमारी शिक्षा प्रणाली में महिलाओं की भागीदारी को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है। जब महिलाएं शिक्षित होंगी, तो पूरा समाज समृद्ध होगा।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया चन्दौली।